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लेखक:

कपिल ईसापुरी

जन्म: उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले के एक ग्रामीण परिवार में।

शिक्षा: बी.टेक. (आई.ई.टी., लखनऊ), MJMC (पत्रकारिता), लखनऊ।

अध्यापन कार्य: कुछ समय तक भारतीय सिविल सेवा के छात्रों को दर्शन शास्त्र विषय का अध्यापन।

सरकारी पद डिप्टी जेलर के पद पर बरेली, लखनऊ एवं बाराबँकी की जेल पर तैनात रह चुके हैं। वर्तमान में असिस्टेंट कमिश्नर SGST के पद पर उ.प्र. में कार्यरत।

प्रकाशन: वर्ष 2013 में 'फरिश्ता' उपन्यास आया, जो काफ़ी चर्चित रहा। वर्ष 2019 में 'फरिश्ता' का भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशन। लेखक ने PK फ़िल्म मेकर्स पर कॉपीराइट का केस दिल्ली हाईकोर्ट में कर रखा है। लेखक के अनुसार PK फ़िल्म उन्हीं के उपन्यास पर आधारित है। वर्ष 2018 में उपन्यास 'अपराधी' भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित और अपने मौलिक विषय-वस्तु के कारण चर्चित-प्रशंसित।

लेखन: 'बूढ़ा', 'सफ़र का अन्त', 'अभागी' एवं 'पतन'। लेखक राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय विषयों के विशेषज्ञ हैं। उनके अन्तर्राष्ट्रीय विषयों पर सैकड़ों आलेख विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित।

सम्मान: एड्स दिवस पर राज्य एड्स नियन्त्रण सोसायटी (2008); लखनऊ द्वारा 'सफ़र का अन्त' (कहानी) को पुरस्कृत किया गया।

अभिमत

कपिल ईसापुरी के लेखन में भिन्न-भिन्न विचारधाराओं एवं भावनाओं का बहुत रोचक समन्वय रहता है। सद्यः प्रकाशित उपन्यास 'फरिश्ता' में वे एक परिपक्व लेखक के रूप में सामने आते हैं, जहाँ वे हिन्दी जगत में पहली बार व्यापक फलक पर पर्यावरण एवं प्रकृति की समस्या को बहुत ही मौलिक रूप में व्यक्त करते हैं।—स्व. नामवर सिंह (सुप्रसिद्ध हिन्दी आलोचक)

कपिल ईसापुरी के लेखन में भारतीय संस्कृति के छोटे-छोटे सुन्दर द्वीप जगह-जगह पिरोये हुए रहते हैं। वे अत्यन्त सरल भाषा में बहुत ही गूढ़ विषयों को व्यक्त कर देते हैं। 'अपराधी' उपन्यास को देश के प्रत्येक युवा तक पहुँचाए जाने की ज़िम्मेदारी स्वयं सरकार को लेनी चाहिए जिससे युवाओं में बेहतर परिवर्तन आ सके।—स्व. गंगाप्रसाद विमल (सुप्रसिद्ध साहित्यकार)

कपिल ईसापुरी का कथा साहित्य उस श्रेणी में रखा जा सकता है जिसे हम दिलचस्प क़िस्सागोई कहते हैं। उनके उपन्यास तेज गति से आगे बढ़ते हैं। उनके 'फरिश्ता', 'अपराधी' और अब 'आभागा पेंटर' तीनों उपन्यासों में समाज के अहम सवाल भी उठाये गये हैं। यह काबिले ग़ौर है कि 'अपराधी' एवं 'अभागा पेंटर' में अपराधियों के व्यवहार और संसार का प्रमाणिक विवरण मिलता है। वे अपराध और अपराधी के मनोविज्ञान में संवेदना से उतरते हैं। कहना न होगा कि उन्होंने अपने कार्य जगत से काफ़ी प्रेरणा प्राप्त की है। अब 'अभागा पेंटर' कुछ और अनोखी कृति है क्योंकि इसमें कला जगत पर भी गहरी दृष्टि डाली गयी है। रचनाकार कपिल को मेरी अनन्त शुभकामनाएँ।—सुश्री ममता कालिया सुप्रसिद्ध कथाकार

अभागा पेंटर

कपिल ईसापुरी

मूल्य: Rs. 450

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